सतरँगी CHANNEL

Latest news
डाँ लाल सिंह त्यागी की जयन्ती के अवसर पर भुट्टिको में एक बैठक का आयोजन किया गया || A meeting was org... चंडीगढ़ में एयरहोस्टेस की ट्रेनिंग करने वाली हिमाचल की 22 वर्षीय निशा की लाश भाखड़ा नहर से मिली || T... गड़सा पैराग्लाइडिंग से उड़ानों पर लगाई रोक || Flights banned from Gadsa Paragliding एनएचपीसी और सम्पूर्ण उड़ान संस्था की पहल, भुट्टिको परिसर में स्वास्थय जांच के लिए लगाया मैडीकल कैम्प ... मुख्यमंत्री ने शरदोत्सव पर कुल्लू-मनाली की जनता को 206.08 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं की दी ... Live TV IIT बाबा मवाली-आवारा था, उसे मारकर भगा दियाः जूना अखाड़ा || IIT Baba was a rowdy and vagabond, he wa... हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने की तांदी गांव अग्नि पीड़ितों की सहायता || Himachal Prades... कुल्लू में 21 जनवरी को किया जाएगा जिला स्तरीय संविधान गौरव अभियान कार्यक्रम का आयोजन :अमित सूद || Di... पार्बती-III पावर स्टेशन द्वारा नराकास, कुल्लू-मनाली की छमाही बैठक का आयोजन || Parbati-III Power Stat...

माता नयना की जाग में दहकते अंगारों पर चले गूर और चेलियां || In the wake of Mata Nayana, Gurus and disciples walk on the burning embers

In the wake of Mata Nayana Gurus and disciples walk on the burning embers

ज़िला कुल्लू के भुंतर के पिपलागे में बुधवार रात को नयना माता की जाग (उत्सव) मनाई गई। माता नयना की जाग में दहकते अंगारों पर माता के गूर और चेलियां गुजरे। बुधवार रात्रि जाग के चलते ढोल, नगाड़े और नरसिंगों की स्वरलहरियां गूंज उठीं। नयना माता की जाग में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े।

माता नयना माता के मंदिर में बुधवार दोपहर बाद से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। रात करीब 12 बजे तक यहां पर भजन-कीर्तन हुआ। मंदिर परिसर में एक जगह आग जलाई गई थी, आधी रात तक यहां पर सिर्फ दहकते अंगारे ही बचे थे। शीतला माता मंदिर से बुधवार रात करीब 12 बजे के बाद माता नयना अपने मंदिर में आईं तो माता की जय जयकार हो उठी।

दहकते अंगारों पर माता के गूर और चेलियां चलीं। श्रद्धालुओं ने माता नयना के समक्ष शीश नवाकर आशीर्वाद लिया। माता के पुजारी अमित महंत ने कहा कि माता शीतला, माता कोयला कलैहली और नागराणी माता थलौट के निशान (चिह्न) भी जाग में शामिल हुए थे। जाग के दौरान दहकते अंगारों पर गूर और चेलियां चलते हैं, लेकिन दैवीय शक्ति से किसी को चोट तक नहीं पहुंचती है। यह परीक्षा की घड़ी होती है।

In the wake of Mata Nayana Gurus and disciples walk on the burning embers

error: Content is protected !!
Scroll to Top