स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद संत प्रेमानंद की रात की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। विरोध का कारण ध्वनि प्रदूषण और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या बताई गई। कॉलोनीवासियों की शिकायतों को देखते हुए आश्रम ने यह फैसला लिया, हालांकि आश्रम ने ध्वनि नियंत्रण की अपील की थी।
रात दो बजे निकलती थी पदयात्रा
श्रीराधा केलिकुंज आश्रम से जारी सूचना के अनुसार, संत प्रेमानंद प्रतिदिन रात दो बजे श्रीकृष्ण शरणम् स्थित आवास से रमणरेती स्थित श्रीराधा केलिकुंज आश्रम तक पदयात्रा करते थे। इस दौरान हजारों श्रद्धालु रास्ते में खड़े होकर उनके दर्शन करते और भजन-संकीर्तन में शामिल होते थे।
हालांकि, इस पदयात्रा की बढ़ती संख्या और ध्वनि प्रदूषण के कारण स्थानीय निवासियों को समस्याएं हो रही थीं, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई कि आश्रम को इस यात्रा को स्थगित करने का फैसला करना पड़ा। श्रीकृष्ण शरणम् स्थित आवास से शुरू होकर यह यात्रा रमणरेती स्थित श्रीराधा केलिकुंज आश्रम तक होती थी। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु रास्ते में खड़े होकर संत प्रेमानंद के दर्शन करते और भजन-संकीर्तन में भाग लेते थे, जिससे यह आयोजन धार्मिक उल्लास और भक्ति का प्रतीक बन गया था।
आश्रम का पक्ष
आश्रम ने स्पष्ट किया कि पदयात्रा में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए हमेशा अपील की जाती रही है। जो लोग सड़क किनारे भजन-संकीर्तन करते हैं, वे आश्रम के अनुयायी नहीं हैं। फिर भी, विरोध को देखते हुए पदयात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
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संत प्रेमानंद महाराज जी अब नहीं निकालेंगे रात की पदयात्रा || Saint Premanand Maharaj ji will no longer take out night padyatra